लेखनी प्रतियोगिता -29-May-2022 - प्रदूषण
करते रहो प्रकृति का भान,
प्रदूषण से बचाकर रखो मान।
व्यवहार को अपने सहज करो,
प्रकृति पर थोड़ा रहम करो,
चिंता की लकीरें मिट जाए ,
खिलखिला कर मुस्काए जहान।
पशु पक्षियों को दो दाना पानी ,
न करों उनसे तुम बेईमानी,
नियति को कुछ तो बदलो,
जीवों को न तुम कुचलों,
बड़ी अनमोल हैं सबकी जान।
प्रकृति का कोई भी मोल नहीं,
हवा ,पानी का कोई तोल नहीं,
बीज रोंपो, दो खाद पानी,
आदत अपना लो ये सयानी,
छांँव देने का करों इंतजाम।
तन की चोट पर होता दर्द बहुत,
मन की चोट पर आघात बहुत,
कुल्हाड़ी से न काटों तने को,
प्रदूषण से बचाओं प्रकृति को,
प्रकृति में भी होती हैं जान,
दृढ़ निश्चय कर ठान लो मन में,
चिंता न रहेगी तब जीवन में,
आंखों में आ जाएगी चमक ,
बच पाएगी जीवन की खनक
चेहरे पर छाएगी प्यारी मुस्कान।।
दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Rajeev pandey
01-Jun-2022 10:37 AM
Nice
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Shnaya
31-May-2022 09:26 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Priyanka Rani
30-May-2022 05:27 PM
बहुत खूबसूरत
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